तान्विदित्वा सुचरितैर्गूढैस्तत्कर्मकारिभिः । चारैश्चानेकसंस्थानैः प्रोत्साद्य वशं आनयेत् ।

जिस विषय में जानकारी प्राप्त करनी है वैसा ही कर्म करने में चतुर, गुप्त रहने वाले अच्छे आचरण वाले, अनेक स्थानों में नियुक्त गुप्तचरों के द्वारा उन ठगों या लोककण्टकों को मालूम करके और फिर उन्हें पकड़कर अपने वश में करे—कारागृह में रखे ।

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