इस पूर्वोक्त कही विधि के अनुसार धर्मयुक्त कार्यो को करता हुआ राजाअप्राप्त देशों को प्राप्त करने की इच्छा करे और प्राप्त किये देशों का भलीभाँति पालन करे ।
इस पूर्वोक्त कही विधि के अनुसार धर्मयुक्त कार्यो को करता हुआ राजाअप्राप्त देशों को प्राप्त करने की इच्छा करे और प्राप्त किये देशों का भलीभाँति पालन करे ।