Adhyay : 9 Mantra : 242 Back to listings इतरे कृतवन्तस्तु पापान्येतान्यकामतः । सर्वस्वहारं अर्हन्ति कामतस्तु प्रवासनम् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related