Adhyay : 9 Mantra : 235 Back to listings ब्रह्महा च सुरापश्च स्तेयी च गुरुतल्पगः । एते सर्वे पृथग्ज्ञेया महापातकिनो नराः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related