एते राष्ट्रे वर्तमाना राज्ञः प्रछन्नतस्कराः । विकर्मक्रियया नित्यं बाधन्ते भद्रिकाः प्रजाः

ये छुपे हुए तस्कर = चोर राज्य में रहकर गलत और बुरे कामों को कर करके सदा राजा और सज्जन प्रजाओं को दुःख पहुंचाते रहते हैं ।

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