कितवान्कुशीलवान्क्रूरान्पाषण्डस्थांश्च मानवान् । विकर्मस्थान्शौण्डिकांश्च क्षिप्रं निर्वासयेत्पुरात्

और जुआरियों, (कुशीलवान्) नाच-गाने से जीविका करने वाले, क्रूर आचरण वाले, (पाखण्डस्थान्) ढ़ोग आदि रचकर रहने वाले, शास्त्रविरुद्ध बुरे कर्म करने वाले, शराब बनाने बेचने वाले, (मानवान्) इन मनुष्यों को राजा अपने राज्य से जल्दी से जल्दी बाहर निकाल दे ।

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