अप्राणिभिर्यत्क्रियते तल्लोके द्यूतं उच्यते । प्राणिभिः क्रियते यस्तु स विज्ञेयः समाह्वयः ।

बिना प्राणियों अर्थात् जड़ (ताश, पासा, कौड़ी, गोटी आदि) वस्तुओं के द्वारा बाजी लगाकर जो खेल खेला जाता है लोक में उसे ’द्यूत’ = जूआ कहा जाता है और जो चेतन प्राणियों (मूर्गा, तीतर, बटेर, घोड़ा आदि) के द्वारा बाजी लगाकर खेला जाता है (सः समाह्वय विज्ञेयः) उसे समाह्वय कहा जाता है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *