ब्राह्मदैवार्षगान्धर्व प्राजापत्येषु यद्वसु । अप्रजायां अतीतायां भर्तुरेव तदिष्यते ।

(ब्रह्म-दैव-आर्ष-गान्धर्व-प्राजापत्येषु यत् वसु) ब्राह्म, देव, आर्ष, गान्धर्व, प्राजापत्य विवाहों में जो स्त्री को धन प्राप्त हुआ है (अप्रजायाम्+अतीतायाम्) स्त्री के सन्तानहीन मर जाने पर (तत् भर्तुः + एवइष्यते) उस धन पर पति का ही अधिकार माना गया है

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