त्रयाणां उदकं कार्यं त्रिषु पिण्डः प्रवर्तते । चतुर्थः संप्रदातैषां पञ्चमो नोपपद्यते ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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