Adhyay : 9 Mantra : 174 Back to listings क्रीणीयाद्यस्त्वपत्यार्थं मातापित्रोर्यं अन्तिकात् । स क्रीतकः सुतस्तस्य सदृशोऽसदृशोऽपि वा । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related