एक एवाउरसः पुत्रः पित्र्यस्य वसुनः प्रभुः । शेषाणां आनृशंस्यार्थं प्रदद्यात्तु प्रजीवनम्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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