Adhyay : 9 Mantra : 162 Back to listings यद्येकरिक्थिनौ स्यातां औरसक्षेत्रजौ सुतौ । यस्य यत्पैतृकं रिक्थं स तद्गृह्णीत नेतरः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related