Adhyay : 9 Mantra : 161 Back to listings यादृशं फलं आप्नोति कुप्लवैः संतरञ् जलम् । तादृशं फलं आप्नोति कुपुत्रैः संतरंस्तमः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related