Adhyay : 9 Mantra : 150 Back to listings कीनाशो गोवृषो यानं अलङ्कारश्च वेश्म च । विप्रस्याउद्धारिकं देयं एकांशश्च प्रधानतः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related