Adhyay : 9 Mantra : 143 Back to listings अनियुक्तासुतश्चैव पुत्रिण्याप्तश्च देवरात् । उभौ तौ नार्हतो भागं जारजातककामजौ । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related