Adhyay : 9 Mantra : 137 Back to listings पुत्रेण लोकाञ् जयति पौत्रेणानन्त्यं अश्नुते । अथ पुत्रस्य पौत्रेण ब्रध्नस्याप्नोति विष्टपम् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related