Adhyay : 9 Mantra : 136 Back to listings अकृता वा कृता वापि यं विन्देत्सदृशात्सुतम् । पौत्री मातामहस्तेन दद्यात्पिण्डं हरेद्धनम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related