Adhyay : 9 Mantra : 132 Back to listings दौहित्रो ह्यखिलं रिक्थं अपुत्रस्य पितुर्हरेत् । स एव दद्याद्द्वौ पिण्डौ पित्रे मातामहाय च Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related