एकं वृषभं उद्धारं संहरेत स पूर्वजः । ततोऽपरे ज्येष्ठवृषास्तदूनानां स्वमातृतः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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