अन्धो मत्स्यानिवाश्नाति स नरः कण्टकैः सह । यो भाषतेऽर्थवैकल्यं अप्रत्यक्षं सभां गतः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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