नार्तो न मत्तो नोन्मत्तो न क्षुत्तृष्णोपपीडितः । न श्रमार्तो न कामार्तो न क्रुद्धो नापि तस्करः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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