यादृशा धनिभिः कार्या व्यवहारेषु साक्षिणः । तादृशान्संप्रवक्ष्यामि यथा वाच्यं ऋतं च तैः ।

. साहूकारों अर्थात् धन देने वालों को मुकद्दमों में जैसे साक्षी बनाने चाहिए उनको और उन साक्षियों अब को जैसे सत्यबात कहनी चाहिए उसे आगे कहूंगा ।

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