एष नौयायिनां उक्तो व्यवहारस्य निर्णयः । दाशापराधतस्तोये दैविके नास्ति निग्रहः

यह (८।४०४-४०८) नाविकों के व्यवहार का निर्णय कहा है मल्लाहों के अपराध से जल में नष्ट हुए सामान के मल्लाह देनदार हैं दैवी विपत्ति के कारण (आंधी, तूफान आदि से) हुई हानि के मल्लाह देनदार नहीं हैं ।

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