आगमं निर्गमं स्थानं तथा वृद्धिक्षयावुभौ । विचार्य सर्वपण्यानां कारयेत्क्रयविक्रयौ ।

वस्तुओं के आने, जाने, रखने का स्थान, लाभवृद्धि तथा हानि खरीद – बेचने की वस्तुओं से सम्बन्धित सभी बातों पर विचार करके राजा मूल्य निश्चित करके वस्तुओं का क्रय विक्रय कराये ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *