अन्धो जडः पीठसर्पी सप्तत्या स्थविरश्च यः । श्रोत्रियेषूपकुर्वंश्च न दाप्याः केन चित्करम् ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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