Adhyay : 8 Mantra : 384 Back to listings क्षत्रियायां अगुप्तायां वैश्ये पञ्चशतं दमः । मूत्रेण मौण्ड्यं इच्छेत्तु क्षत्रियो दण्डं एव वा Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related