Adhyay : 8 Mantra : 356 Back to listings परस्त्रियं योऽभिवदेत्तीर्थेऽरण्ये वनेऽपि वा । नदीनां वापि संभेदे स संग्रहणं आप्नुयात् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related