Adhyay : 8 Mantra : 333 Back to listings यस्त्वेतान्युपक्ल्प्तानि द्रव्याणि स्तेनयेन्नरः । तं आद्यं दण्डयेद्राजा यश्चाग्निं चोरयेद्गृहात् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related