यस्त्वेतान्युपक्ल्प्तानि द्रव्याणि स्तेनयेन्नरः । तं आद्यं दण्डयेद्राजा यश्चाग्निं चोरयेद्गृहात्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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