Adhyay : 8 Mantra : 330 Back to listings पुष्पेषु हरिते धान्ये गुल्मवल्लीनगेषु च । अन्येष्वपरिपूतेषु दण्डः स्यात्पञ्चकृष्णलः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related