भार्या पुत्रश्च दासश्च प्रेष्यो भ्रात्रा च सोदरः । प्राप्तापराधास्ताड्याः स्यू रज्ज्वा वेणुदलेन वा ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *