Adhyay : 8 Mantra : 296 Back to listings मनुष्यमारणे क्षिप्रं चौरवत्किल्बिषं भवेत् । प्राणभृत्सु महत्स्वर्धं गोगजोष्ट्रहयादिषु । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related