पञ्चाशद्ब्राह्मणो दण्ड्यः क्षत्रियस्याभिशंसने । वैश्ये स्यादर्धपञ्चाशच्छूद्रे द्वादशको दमः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *