अर्थानर्थावुभौ बुद्ध्वा धर्माधर्मौ च केवलौ । वर्णक्रमेण सर्वाणि पश्येत्कार्याणि कार्यिणाम् ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *