Adhyay : 8 Mantra : 23 Back to listings धर्मासनं अधिष्ठाय संवीताङ्गः समाहितः । प्रणम्य लोकपालेभ्यः कार्यदर्शनं आरभेत् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related