यं इद्धो न दहत्यग्निरापो नोन्मज्जयन्ति च । न चार्तिं ऋच्छति क्षिप्रं स ज्ञेयः शपथे शुचिः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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