Adhyay : 8 Mantra : 115 Back to listings यं इद्धो न दहत्यग्निरापो नोन्मज्जयन्ति च । न चार्तिं ऋच्छति क्षिप्रं स ज्ञेयः शपथे शुचिः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related