Adhyay : 8 Mantra : 102 Back to listings गोरक्षकान्वाणिजिकांस्तथा कारुकुशीलवान् । प्रेष्यान्वार्धुषिकांश्चैव विप्रान्शूद्रवदाचरेत् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related