Adhyay : 8 Mantra : 101 Back to listings एतान्दोषानवेक्ष्य त्वं सर्वाननृतभाषणे । यथाश्रुतं यथादृष्टं सर्वं एवाञ्जसा वद Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related