अप्सु भूमिवदित्याहुः स्त्रीणां भोगे च मैथुने । अब्जेषु चैव रत्नेषु सर्वेष्वश्ममयेषु च

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *