न कूटैरायुधैर्हन्याद्युध्यमानो रणे रिपून् । न कर्णिभिर्नापि दिग्धैर्नाग्निज्वलिततेजनैः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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