वह दुर्ग शस्त्रास्त्र धन, धान्य, वाहन ब्राह्मण, जो पढ़ाने, उपदेश करने हारे हों कारीगर यन्त्र – नाना प्रकार की कला चारा – घास और जल आदि से सम्पन्न अर्थात् परिपूर्ण हो ।
(स० प्र० षष्ठ समु०)
वह दुर्ग शस्त्रास्त्र धन, धान्य, वाहन ब्राह्मण, जो पढ़ाने, उपदेश करने हारे हों कारीगर यन्त्र – नाना प्रकार की कला चारा – घास और जल आदि से सम्पन्न अर्थात् परिपूर्ण हो ।
(स० प्र० षष्ठ समु०)