एकः शतं योधयति प्राकारस्थो धनुर्धरः । शतं दशसहस्राणि तस्माद्दुर्गं विधीयते । ।

नगर के चारों ओर प्राकार – प्रकोट बनावे क्यों कि उस में स्थित हुआ एक वीर धनुर्धारी शस्त्रयुक्त पुरूष सौ के साथ, और सौ दशहजार के साथ युद्ध कर सकते हैं इसलिए अवश्य दुर्ग का बनाना उचित है ।

(स० प्र० षष्ठ समु०)

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