Adhyay : 7 Mantra : 61 Back to listings निर्वर्तेतास्य यावद्भिरितिकर्तव्यता नृभिः । तावतोऽतन्द्रितान्दक्षान्प्रकुर्वीत विचक्षणान् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related