Adhyay : 7 Mantra : 57 Back to listings तेषां स्वं स्वं अभिप्रायं उपलभ्य पृथक्पृथक् । समस्तानां च कार्येषु विदध्याद्धितं आत्मनः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related