Adhyay : 7 Mantra : 34 Back to listings अतस्तु विपरीतस्य नृपतेरजितात्मनः । संक्षिप्यते यशो लोके घृतबिन्दुरिवाम्भसि Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related