तत्र भुक्त्वा पुनः किं चित्तूर्यघोषैः प्रहर्षितः । संविशेत्तं यथाकालं उत्तिष्ठेच्च गतक्लमः

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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