Adhyay : 7 Mantra : 225 Back to listings तत्र भुक्त्वा पुनः किं चित्तूर्यघोषैः प्रहर्षितः । संविशेत्तं यथाकालं उत्तिष्ठेच्च गतक्लमः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related