अन्येष्वपि तु कालेषु यदा पश्येद्ध्रुवं जयम् । तदा यायाद्विगृह्यैव व्यसने चोत्थिते रिपोः ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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