Adhyay : 7 Mantra : 182 Back to listings मार्गशीर्षे शुभे मासि यायाद्यात्रां महीपतिः । फाल्गुनं वाथ चैत्रं वा मासौ प्रति यथाबलम् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related