दूतसंप्रेषणं चैव कार्यशेषं तथैव च । अन्तःपुरप्रचारं च प्रणिधीनां च चेष्टितम्

और दूतों को इधर – उधर भेजना उसी प्रकार अन्य शेष रहे कार्यों को पूर्ण करना तथा अन्तः पुर महल के आन्तरिक आचरण एवं स्थिति और नियुक्त गुप्तचरों के आचरण एवं चेष्टाएं, इन पर भी ध्यान रखे, विचार करे ।

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