. जब पिछली प्रहर रात्रि रहे तब उठ शौच और सावधान होकर परमेश्वर का ध्यान अग्नि – होत्र विद्वानों का सत्कार और भोजन करके भीतर सभा में प्रवेश करे ।
(स० प्र० षष्ठ समु०)
. जब पिछली प्रहर रात्रि रहे तब उठ शौच और सावधान होकर परमेश्वर का ध्यान अग्नि – होत्र विद्वानों का सत्कार और भोजन करके भीतर सभा में प्रवेश करे ।
(स० प्र० षष्ठ समु०)