. प्रजा के कार्यों की देखभाल करने में रूग्णता आदि के कारण अशक्त होने पर उस अपने आसन पर न्यायकारी धर्मज्ञाता बुद्धिमान् जितेन्द्रिय कुलीन प्रधान अमात्य – मन्त्री को बिठा देवे अर्थात् रूग्णावस्था में प्रधान अमात्य को अपने स्थान की जिम्मेदारी देवे ।
. प्रजा के कार्यों की देखभाल करने में रूग्णता आदि के कारण अशक्त होने पर उस अपने आसन पर न्यायकारी धर्मज्ञाता बुद्धिमान् जितेन्द्रिय कुलीन प्रधान अमात्य – मन्त्री को बिठा देवे अर्थात् रूग्णावस्था में प्रधान अमात्य को अपने स्थान की जिम्मेदारी देवे ।